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.....പുതിയ ആശയങ്ങളും പുത്തന്‍ പഠനരീതികളുമായി കനിവിന്റെ പാതയിലൂടെ കാഞ്ഞിരപ്പൊയില്‍ 2016-17 അക്കാദമിക വര്‍ഷത്തിലേക്ക്.....

Tuesday 12 January 2016

വിശ്വ ഹിന്ദി ദിനം ജനുവരി 10,कदम कदम पर-हिंदी शाक्तीकरण उद्घाटन समारोह

വിശ്വഹിന്ദി ദിനം ആഘോഷിച്ച് പ്രേംചന്ദ് ഹിന്ദി മഞ്ച്
प्रार्थनागीत- मंच के सदस्य

बधाई- विनोदजी द्वारा

कदम-कदम पर हिंदी शाक्तीकरण उद्घाटन राधाकृष्णनजी द्वारा

പത്രത്താളിലൂടെ ജില്ല കലോൽസവത്തിൽ കാഞ്ഞിരപ്പൊയിലിന്റെ മണിമുഴക്കം

അധ്യാപകനെഴുതി പരിശീലിപ്പിച്ചു.ഗുരുദക്ഷിണയായി നന്ദന നൽകിയത് മിന്നും ജയം
സമ്മാനർഹമായ കവിത
मानव बंधुओ, इधर की कुरीतियों को क्यों चुपके ताक रहे हैं? ऐसे ही रहे तो बडी मुसीबत हो जाऐगी।जरा सोचिए और हल ढूँढ लें। मेरे मन की अफसोस को आपके सम्मुख रख देता हूँ। आशा है मुझे आपकी इज्जत पर।
  रिश्ता
यही रिश्ता है आज के युग की मस्ती है।जनगण से मन पुलकित होता,
बिछुडन से मन कुचलित होता।अंदर की दुविधा में पडके,
चंचल मन भी विचलित होता।
ताकत है मैत्री के गुण में,हीनत है ईर्ष्या अवगुण में।
नाते छोडने आनेवाले रिश्तों की महिमा नहीं भाते।
मेल से ही रक्षा होती है,खो जाती अकेलापन में।
जनम हुआ है कोख से, पले उसी की गोदी में।
छोटी थीं उनकी उंगलियाँ नहीं छोडती सोते भी..
बडे बन गए हैं अभी,पुरानी बाँह अखरती।
बूढों के दिन में आता,अमन से साथ बैठता,
स्वचित्र लेता फिर लापता।-2
यही रिश्ता है आज के युग की मस्ती है।
2
परिवारों को इनकार करके,हथियारों को स्वीकारते हैं।
इशारा देते कपटी नेता,खूनी करते भोले जनगण।
विपक्षी नेता गम से आते,मन में दोनों मुस्काते हैं,
फूलचक्र बिछाते दोनों, अभिनय करते लाश के आगे ।
रोते फूट-फूट कर छाती मारके,अंदर खिल-खिलाके रहते दोनों।
मानवता की नकली झलक।
यही रिश्ता है आज के युग की मस्ती है।-2
रिश्ता बंधन नहीं मन का स्पंदन है,
गुफा की अंधेरी में उजाले का चाँद है।
नहीं पहचानता कोई महत्ता आपसी संबंध की
बर्बाद होता रहता है मूल्य जो रचित वो मनु का
हे अग्रदूत,हे मनुपुत्र विचार लो कुरीतियों की कीचड से
अपने आप बचो और यह भी कर लो,बचा लो तेरी पीढी को
सोचो बारंबार कर्म क्षेत्र में अटल रहो क्योंकि,
यही रिश्ता है आज के युग की मस्ती है।
...............शिवरूर..............
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हरिनारायणन शिवरुरिल्लम,नीलेश्वरम

District kalolsavam 2015-2016

ജില്ലാകലോത്സവത്തിൽ തന്റെ ഗുരുവിന്റെ ഹിന്ദി കവിത പാടി നന്ദന ജനാർദ്ദനൻ നേടിയത് കാഞ്ഞിരപ്പൊയിലിന്റെ യശസ്സുയർത്തുന്ന ജയം.
വിശിഷ്ടാതിഥിയിൽ നിന്നും സർട്ടിഫിക്കറ്റും പ്രശസ്തി ഫലകവും അമ്മയോടൊപ്പം നന്ദനജനാർദ്ദനൻ ഏറ്റു വാങ്ങുന്നു.

സ്കൂളിന്റെ ആദരം പ്രധാനധ്യാപകനിൽ നിന്ന് സ്വീകരിക്കുന്നു.